Wednesday, 26 December 2018

आजाद सोच फाउंडेशन ट्रस्ट ने प्रदूषण कम करने का सुझाव दिया

नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आजाद सोच फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष आजाद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वन एवं पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन को पत्र लिखकर प्रदूषण कम करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली सरकार के आर्ड-ईवन फार्मूले की सफलता के लिए संस्था दिल्ली सरकार का तेह-दिल से धन्यवाद देती है और आशा करती है कि आगे भी आर्ड-ईवन फार्मूले को सफलता मिले। पहला आर्ड-ईवन जो 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चला इस आर्ड-ईवन फार्मूले में संस्था के सदस्यों ने कई चीजों का बारीकी से अध्ययन किया था जिससे प्रदूषण में कमी आए परंतु प्रदूषण में कमी ना आने के कारण का जब पता चला तो हमारी संस्था ने इस बात को सरकार से साझा करने की सोची। यदि सरकार को लगे कि यह भी प्रदूषण का कारण है तो इस पर विचार करे ताकि जिसके लिए आर्ड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जा रहा है वह पूर्ण रूप से इस पर कामयाब हो सकें अर्थात् प्रदूषण में कमी आए।
    उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि हमारी संस्था के कई सारे पदाधिकारियों व सदस्यों ने इस आर्ड-ईवन फामूले में देखा कि जो गाड़ियां सड़क पर थीं अर्थात जिन्हें इस आर्ड-ईवन फार्मूले में छूट मिली थी वह काफी प्रदूषण बढ़ा रही थीं। जिनमें डीटीसी की बसें भी थी। जिस कारण प्रदूषण में अधिकतम कमी नहीं आ रही थी इसलिए संस्था चाहती है कि इस बार आर्ड-ईवन लागू करने से पहले हमारे सुझाव पर अमल करें अर्थात् जो भी गाड़ी रोड पर चल रही हैं उन्हें पेट्रोल, डीजल या सीएनजी गैस तभी दी जाए जब उनके पास प्रदूषण जांच का प्रमाण पत्र हो क्योंकि लगभग 20 से 30 प्रतिशत गाड़ियां इतना प्रदूषण छोड़ती हैं कि यह पूरे फार्मूले को ही विफल कर देती हैं। यदि इसे दिल्ली में कुछ समय के लिए लागू कर दिया जाए तो पता चलेगा कि इससे प्रदूषण में कितना असर पड़ा। ऐसी गाड़ियों को पेट्रोल या गैस तभी मिले जब उस व्यक्ति के पास वैध प्रदूषण जांच का प्रमाण पत्र होगा तो उससे अवश्य प्रदूषण में कमी आएगी और जो लोग प्रदूषण की जांच नहीं करवाते थे वह लोग प्रदूषण की जांच भी करवाएंगे। इससे सरकार को भी राजस्व होगा और प्रदूषण में भी कमी भी आएगी। इसी के साथ यह फार्मूला भी बनाया जाए कि कितना प्रतिषत प्रदूषण का स्तर है। प्रदूषण के एक पैमाने के बाद यदि प्रदूषण स्तर अधिक पाया जाता है तो उसे गैस व पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा।
    उन्होंने पत्र के अंत में लिखा कि अगर इस फार्मूले के लागू कर दिया गया तो बहुत सारी गाड़ियां अपने आप रूट से हट जाएंगी और प्रदूषण पर स्थायी रूप से नियंत्रण पाया जा सकेगा।

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