1. न्यास द्वारा स्थापित किए गए संस्थानों के लिए प्रबंध समिति, प्रबंधक/संचालन समिति व उप समितियों का गठन व विगठन करना।
2. न्यास (ट्रस्ट) के माध्यम से समाज के सभी वर्गों में आपसी एकता और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा देना तथा आपसी भाईचारे के वातावरण को पैदा करने का प्रयास करना। लोगों में मानवीय नैतिकता, सामाजिक नैतिकता, राष्ट्र प्रेम की व राष्ट्रीय शक्ति की भावना पैदा करने का प्रयास करना। सभी धर्मों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द, शांति एवं एकता कायम रखना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक-दूसरे की मदद करना।
3. ट्रस्ट के सदस्यों व आम जनता के हितों व अधिकारों की रक्षा के लिए संबंधित विभागों से पत्र व्यवहार करना व आवश्यकता पड़ने पर न्यायालयों में जाना तथा संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करना।
4. सरकार की भागीदारी योजना के अंतर्गत सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करना। उपभोक्ता कल्याण एवं उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा हेतु आवश्यक कार्य करना।
5. ट्रस्ट माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहंुचाना व आवेदन करने में मदद करना। ग्रामीण विकास कार्य के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना/ करवाना।
6. समाज के लोगों की वैयक्तिक एवं घरेलू मुश्किलों को दूर करने का प्रयास करना व इनकी सामाजिक दिक्कतों से संबंधित सरकारी अधिकारियों से पत्र व्यवहार करना, मिलना, बैठक इत्यादि के तमाम प्रयास करना।
7. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की कालोनियों में पार्क, सीवर, पानी, नलकूप, एमसीडी स्कूल, बिजली आदि मूलभूत सुविधाओं की सरकार द्वारा व्यवस्था कराना व करना।
8. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना तथा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना। स्वच्छता एवं हरियाली का विस्तार करना, वृक्षारोपण, फूलों के पौधे आदि लगाना व इसके लिए समय-समय पर शिविर आदि का आयोजन करना। पर्यावरण प्रदूषण आदि समस्या के समाधान संबंधी कार्य करना।
9. न्यास (ट्रस्ट) के माध्यम से प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र, औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल महाविद्यालय, आयुर्वेदिक, ऐलोपैथिक, होम्योपैथिक, यूनानी एक्यूपंचर इलेक्ट्रा पद्धति के महाविद्यालय की स्थापना एवं प्रशिक्षण अनुसंधान कार्य करना, उन्हेें हर प्रकार की मदद देना, रूग्ण विद्यालयों का अधिग्रहण करना तथा ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों में प्रबंधक, अध्यापक, प्रधानाचार्य तथा तकनीकी तथा गैर-तकनीकी स्टाॅफ को नौकरी पर रखना तथा उनको हटाना।
10. ट्रस्ट के माध्यम से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई टंकण टाइपिंग, शाॅर्ट हैंड, कंप्यूटर शिक्षा, कला, क्राफ्ट, पेंटिंग, माॅडलिंग, संगीत, नृत्य शारीरिक शिक्षा, योगा, साक्षरता अभियान, अनौपचरिक शिक्षा आदि की शिक्षा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करना व इन प्रशिक्षण केन्द्रों को आर्थिक मदद करना व उनका सुचारू रूप से संचालन करना।
11. ऐसे स्व-प्रेरित तथा जागरूक कार्यकर्ता तैयार करना जो समाज में व्याप्त अशिक्षा, अन्याय, शोषण, उत्पीड़न एवं असमानता को दूर करने, गंदगी, बेरोजगारी, बीमारी एवं पिछड़ेपन को देश व समुदाय के सर्वागीण एवं संतुलित विकास में प्रभावकारी कदम निभा सकें।
12. समाज राष्ट्र एवं विश्व के बौद्धिक, भौतिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान व विकास के लिए भौतिक व आध्यात्मिक विज्ञान शोध संस्थान, शोध प्रयोगशाला, संग्रहालय, विज्ञान व कला, सेमिनार, तकनीकी शिक्षा केन्द्रों का निर्माण, संचालन व सहायोग करना तथा प्रचार व प्रसार की आधुनिक विधाओं/तकनीकों के सहयोग से सर्व प्रकार का प्रचार- प्रसार और प्रकाशन करना व करवाना।
13. वरिष्ठ नागरिक, विधवा, अपंग, विकलांग, मंदबुद्धि व गरीब लोगों के कल्याण के लिए काम करना तथा उन्हें हर सहायता पहंुचना तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता पहंुचाना व उसके प्रति लोगों को जागरूक करना जैसे पेंशन, बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता, विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति आदि। महिलाओं, दलितों, बूढ़ों-बुजुर्गों, गरीब व असहाय लोगों को बिना किसी जाति, धर्म भेदभाव के आर्थिक सहायता करना व करवाना, रहन-सहन, खाने-पीने का प्रबंध करना व उनके लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन करना व इनकी सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करना।
14. बेरोजगार युवाओं को रोजगार आदि की जानकारी देना, उन्हें रोजगार दिलाने में मदद करना तथा उनको सहयोग एवं मार्ग-दर्शन कर सहायता उपलब्ध कराना।
15. सर्वधर्मार्थ शिक्षण संस्थाओं जिनके अंतर्गत विद्यालय, वैदिक गुरूकुल, मदरसों, आध्यात्मिक एवं योग विद्यालय, छात्रावास तथा व्यायामशाला आदि का निर्माण, संचालन एवं सहयोग करना। विश्व में नैतिक एवं मानव मूल्यों की स्थापना यथासंभव योगदान देना।
16. धर्मार्थ आयुर्वेदिक चिकित्सालयों एवं अन्य चिकित्सा-पद्धतियों, चिकित्सा-विद्यालयों, धर्मार्थ सैनिटोरियमों, नर्सिंग संस्थाओं, प्रसूति-गृहों, शिशु कल्याण-केन्द्रों, औषिधि निर्माणशालाओं रसायन- शालाओं, चिकित्सा अनुसंधान केन्द्रों का निर्माण संचालन एवं सहयोग करना। समय-समय पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना/ करवाना तथा ऐसे कार्यों में सहयोग करना। स्वस्थ जीवन सर्व हेतु हो ऐसे प्रयासों में यथासंभव योगदान देना।
17. न्यास के उद्देश्यों व मानव जीवन के उत्थान के बारे में किताबें, बैनर, पोस्टर तथा अन्य प्रकाशन सामग्री आदि को छपवाना।
18. सरकार द्वारा चलाई जा रही गरीब समाज के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना, संक्रामक रोगों जैसे एचआईवी एवं एड्स, क्षयरोग, कैंसर, एड्स आदि बीमारियों के बारे में लोगों को स्वास्थ्य रक्षा हेतु स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता लाना तथा जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के कार्यक्रम चलाना व सरकारी कार्यक्रमों का ज्ञान देना एवं चिकित्सा सुविधा हेतु सही मार्गदर्शन करना। परिवार कल्याण शिविरों का आयोजन करना एवं दातव्य चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना तथा समय-समय पर परिवार नियोजन, नेत्र चिकित्सा, टीकाकरण आदि शिविर का आयोजन करना।
19. पोलियो व अन्य निःशक्तता से ग्रसित विकलांगों का आॅपरेशन करवाना व उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करने एवं उन्हें रोजगार दिलाने हेतु अन्य कार्यक्रम चलाना। निर्बल एवं कुपोषण रोगियों, शिशुओं को चिकित्सकों की राय के अनुसार दुग्ध एवं अल्प पौष्टिक आहार का वितरण करना।
20. समाज में व्याप्त कुरूतियों जैसे-दहेज प्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, रूढ़िवादिता, नशाखोरी, बालश्रम, आपसी रंजिश इत्यादि को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करना। इसके अलावा अन्य गैर कानूनी कार्य व अपराध में लिप्त होने को रोकने के संबंध में आवश्यक, प्रभावशाली व कानूनी प्रयास करना। समाज में हो रहे गरीब वर्गों पर अत्याचार व अन्याय के खिलाफ कार्यवाही करना।
21. लड़कियों/महिलाओं की गिरती जनसंख्या को रोकने के लिए कार्य करना व सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की योजना को समाज में लागू करवाने में मदद करना व उसका प्रचार-प्रसार करना। महिला एवं बाल विकास के उत्थान के लिए कार्य करना व उनके अधिकारों की रक्षा करना व उन्हें अधिकार दिलवाने के लिए प्रयास करना।
22. किन्नरों के उत्थान के लिए कार्य करना व उनको अधिकार दिलाने का प्रयास करना।
23. नशामुक्ति केन्द्रों की स्थापना करना तथा समाज को नशामुक्त बनाने का प्रयास करना। समय-समय पर रक्तदान व नेत्र दान शिविर का आयोजन व इसके लिए लोगों को प्रेरित करना। बहुजन हिताय- बहुजन सुखाय की नीति अपनाकर समाज को निर्भय व आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना।
24. जोखिम भरे व स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालने वाले उद्योगों में कार्यरत बाल श्रमिकों को मुक्त कराना व उनकी शिक्षा व रहन-सहन की व्यवस्था करना। हौजरी निर्माण से संबंधित कार्य रहे कारीगर एवं हैल्परों को अधिकार दिलाने का प्रयास करना। किसी भी प्रकार के कार्यों में लगे मजदूरों को उनका हक दिलवाने में मदद करना।
25. ट्रस्ट के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए न्यास के नाम में जमीन या भवन आदि खरीदना या किराये पर लेना या देना।
26. खादी एवं ग्रामोद्योग की भागीदारी योजना को बढ़ावा देना व उनके कार्यों से लोगों को अवगत करवाना।
27. अन्य समस्त सामाजिक कार्य जो मानवता के लिए वांछनीय हो यथा बाढ़, अकाल, महामारी भूकंप, आकस्मिक आपदाओं आदि से प्रभावित लोगों की सेवा के लिए आगे आना, उनके लिए शिविर लगाकर राहत कार्य चलाना एवं सेवाभाव से सेवा करना एवं सहायता पहंुचाना।
28. आम जनता के उपयोग के लिए कम्युनिटी हाॅल, बारात घर, वृद्धाश्रम, महिला आश्रम, धर्मशाला, हैल्थकेयर सेंटर, संगीतालय, नृत्यालय, अनाथालय, बालबाड़ी, आंगनवाड़ी, शिशुगृह (जज्जा-बच्चा केन्द्र) वाचनालय, पुस्तकालय, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम, अस्पताल, पशु चिकित्सालय, स्टेडियम, स्टूडियो, हाॅस्टल, रात्रि निवास आदि का निर्माण करना/खुलवाना व उसका रख-रखाव करना तथा विभिन्न सार्वजनिक सामाजिक विकास के कार्यक्रम चलाना व उनका संचालन करना।
29. ट्रस्ट द्वारा पब्लिक-पुलिस जागरूकता कार्यक्रम चलाना। अपराधियों /असामाजिक तत्व के लोगों से समाज को जागरूक रखना तथा गलत लोगों के खिलाफ सरकार व प्रशासन को अवगत कराना। समाज में बढ़ते अपराध को रोकना, प्रभावित लोगों को समाज व राष्ट्र के साथ जोड़ना, असामाजिक तत्वों से निपटने एवं सरकार की बहुमुखी योजनाओं को साकार करने में ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर जन जागृति हेतु अभियान चलाना।
30. अल्पसंख्यक समुदाय व पिछड़े वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलवाना तथा सामाजिक सुधार की मुख्य धारा में शामिल करना, उनके लिए सहायता कल्याण कार्यक्रम कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार तथा जागरूक करना तथा स्वयं सहायता समूह बनाना तथा तकनीकी आधार पर उत्थान करना।
31. समाज की गरीब, दलित, हरिजन, कमजोर, पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्गों की लड़कियों की शादी-विवाह, पढ़ाई आदि में आर्थिक मदद करना तथा उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना व विवाह योग्य होने पर उनके घर वालों की मदद से उनकी शादी करवाना/मदद करना।
32. सभी धर्मों व वर्गों के विकलांगों, महिलाओं, निःशक्तों एवं अन्य जरूरतमंद को शिक्षा, छात्रावास, तकनीकी प्रशिक्षण एवं स्वयं सहायता समूहों का गठन कर स्वावलंबन हेतु छोटे-मोटे गृह उद्योग, शिल्प कला, हस्तकला, ज्ञान आदि देने का प्रयास करना।
33. ट्रस्ट द्वारा समाज के अशिक्षित महिलाओं एवं पुरुषों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से प्रौढ़ शिक्षा, वयस्क एवं अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम को संचालित करना। कूड़ा चुनने वाले अनाथ असहाय बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करना।
34. महिलाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, पेस्टिंग कशीदाकारी, एपलिक के बारे में जानकारी देना। गरीब एवं निःसहाय महिलाओं को लघु उद्योग, गृह उद्योग, खादी ग्रामोद्योग की जानकारी देना एवं स्वावलंबी बनाने में मदद करना।
35. समाज के कमजोर, गरीब, निर्धन, अपंग, असहाय, निराश्रित, बेसहारा बच्चों, विधवा औरतों व वृद्ध पुरूषों आदि को समाज में उचित सम्मान व सहायता, सहयोग उपलब्ध कराने हेतु उचित प्रयास करना। आदिवासी, ग्रामीण एवं शहरी गरीबों अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षिणात्मक केन्द्रों का संचालन एवं निर्देशन करना।
36. पिछड़े इलाकों का सर्वेक्षण करना एवं उनके विकास की योजना व उनकी जरूरत के मुताबिक उनको सहायता देना। समाज के पिछड़े वर्गों के सर्वागिण विकास के लिए स्कूलों व तकनीकी शिक्षा संस्थाओं एवं काॅलेजों आदि की स्थापना करना। समाज में अच्छी शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना तथा समाज के लोगों के जीवनस्तर को सुधारने का प्रयास करना।
37. केन्द्र सरकार/राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच जनता व समाज की समस्याओं से उन्हें अवगत कराना एवं निराकरण हेतु सैदव तत्पर रहना। आम लोगों व गरीब जरूरतमंदों की मदद करना।
38. नेत्रहीन, मूक बाधिर, विकलांगों आदि के लिए छोटे-मोटे उद्योग धंधे खोलकर प्रशिक्षित करना। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत संगीत, नाट्यकला आदि के लिए विकास कार्य करना। समाज में फैले छुआछूत, धर्म, साम्प्रदायिकता, नशाखोरी आदि को मिटाना तथा नैतिक उत्थान तथा राष्ट्रीयता की भावना के विकास का प्रयास करना।
39. मदरसों व मस्जिदों के इमाम, नायब इमाम, मुआजिम व मुदर्रिसीन/ शिक्षकों की उन्नति व विकास हेतु सरकारी अथवा गैर सरकारी मदद दिलाना तथा उनके समस्याओं के समाधान के लिए हर प्रकार के प्रयास करना व कार्यक्रमों का संचालन करना। सभी धर्माें के प्रचार-प्रसार हेतु भाईचारा के लिए ट्रस्ट कार्यरत रहेगी जैसे मदरसा, मस्जिद, मंदिर, चर्च, गुरूद्वारा, मठ का निर्माण करेगी। धर्मों के प्रचार हेतु किताबों व आई.ई.सी. मैटेरियल का प्रकाशन कर प्रचार करेगी।
40. महिलाओं एवं बाल बालिकाओं के बौद्धिक विकास के लिए पुस्तकालय/वाचनालय की स्थापना करना एवं बेरोजगार महिलाओं, युवक/युवतियों को हस्तकला, पशुपालन, वृक्षारोपण, टंकणकला आदि का सरकार एवं अन्य संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षित प्राप्त करवाना। महिलाओं को उर्जा के संरक्षण हेतु उन्नत चूल्हा, बायोगैस, गोबर गैस आदि के बारे में जानकारी देना।
41. अनाथ, विधवा, असहाय महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धों के लिए आवास, भोजन एवं चिकित्सा की व्यवस्था करना। महिलाओं को स्वच्छता के महत्व को समझाना। विकलांग व्यक्तियों के विकास के हित में काम करना जैसे हस्तकला, शिल्पकला आदि विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण के माध्यम से स्वावलम्बी बनाना।
42. भाषाओं के उत्थान के लिए उनका प्रचार-प्रसार करना व उनके लिए हिन्दी, उर्दू तथा अन्य भाषाओं की पुस्तक/पम्पफैलेट/अन्य प्रकार की सामग्री का मुद्रण एवं प्रकाशन करना।
43. न्यास की समस्त आय, आयकर के अधिनियम की धारा 11 (5) 1961 के तहत जमा की जाएगी व 11-ए, 12-ए, 80जी व एफसीआरए के अंतर्गत सहायता प्रदान करना व अन्य धाराओं का पंजीकृत करवाना।
44. सामान/संपत्ति खरीदने के लिए धन, दान, चंदा, उपहार या अन्य साधन से धन जुटाना और प्राप्त धन को केवल ट्रस्ट के उद्देश्यों को बढ़ाने हेतु लगाना और खर्चों से अधिक प्राप्त धन को आयकर कि धारा 11(5)2(15) 80जी को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत जमा की जाएगी तथा इन धाराओं के तहत परिवर्तित भी कर सकते है।
45. ट्रस्ट की चल या अचल संपत्ति से प्राप्त समस्त आय या कमाई ट्रस्ट-पत्र में उल्लेखित ट्रस्ट के उद्देश्यों के प्राप्ति के लिए पूर्णतः प्रयोग की जाएगी और लगाई जाएगी तथा इसका कोई भी लाभ ट्रस्ट के वर्तमान या निवर्तमान सदस्यों के माध्यम से दावा करने वाले किसी एक या अधिक सदस्यों को भुगतान नहीं किया जाएगा या किसी प्रकार के ट्रस्ट का कोई भी सदस्य ट्रस्ट की चल या अचल संपत्ति पर कोई व्यक्तिगत दावा नहीं करेगा या इसकी सदस्यता के आधार पर किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं करेगा या ट्रस्ट के माध्यम से किसी प्रकार का लाभ अर्जित नहीं किया जाएगा।
bahi ji app bahut acha kaam kar rhy h i like you
ReplyDeleteNGO IS VERRY IMPORTANT IN PUBLIC ORGINATION
ReplyDeleteWe want to open a new NGO for rural village development public origination pl.gidence
DeleteBhai may bhi NGO open krna chhahta hu
ReplyDeleteKiya aap mujhe help me saktah hai
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Sir me bhi ek n g o kholna chahti hun pls share ur no
ReplyDeleteCONTACT ON 7050749439
ReplyDeleteNATIONAL STUDENT WELFARE ASSOCIATION TRUST BRANCHES ALL OVER INDIA REQUIRED STATE COORDINATOR, DISTRICT HEAD, BLOCK COORDINATOR WITH QUALIFICATION GRADUATE ,INTER AND POST GRADUATE;
ReplyDeleteFRESHER AND EQUIVALENT EXPERIENCED CANDIDATES CAN MAIL OR DROP THEIR CV ON nationalstudentwelfare@gmail.com
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DeleteGood work for community
ReplyDeleteHii
ReplyDeleteSir me bhi apse judna chahta hu pls help me 09759284193
ReplyDeleteMe shiksha ke liye apke sath judna chahta hu Mohd Shakir Etah U.P.
ReplyDelete09759284193
Great work
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